डबवाली कच्चा आढ़तीयां ऐसोसिएशन ने आज हरियाणा राज्य अनाज मंडी आढ़ती ऐसोसिएशन द्वारा घोषित अनिश्चितकाल हड़ताल को दिया समर्थन
किसानो की कपास, सरसों, मूंग, सूरजमुखी,गेहूं, धान इत्यादि सभी फसलों को सरकार द्वारा MSP पर आढ़तियों के माध्यम से ही खरीदी जाए...

सरकार जब तक संपूर्ण मांगे मान नहीं लेगी तब तक हमारी हड़ताल जारी रहेगी: गुरदीप कामरा
डबवाली: हरियाणा राज्य आढ़ती एसोसिएशन काफी समय से मंडी डबवाली में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं। आज कच्चा आढ़तियां एसोसिएशन मंडी डबवाली ने भी हरियाणा राज्य आढ़ती एसोसिएशन को अपना समर्थन दे दिया है। सरकार के फैसले के विरोध में मंडी के सभी आढ़तियों ने आज अपनी दुकानें बंद रखी व किसी फसल पर बोली नहीं दी गई। प्रधान गुरदीप कामरा ने बताया कि जब तक सरकार हमारी संपूर्ण मांगे मान नहीं लेगी तब तक हमारी हड़ताल जारी रहेगी।
आढ़तियों द्वारा सरकार के समक्ष रखी गई मांगे इस प्रकार हैं:
फसलों की खरीद, भुगतान व पूरी आढ़त: किसानो की कपास, सरसों, मूंग, सूरजमुखी,गेहूं, धान इत्यादि सभी फसलों को सरकार द्वारा MSP पर आढ़तियों के माध्यम से ही खरीदी जाए और आढ़तियों को आढ़त पूरी 2.5 प्रतिशत मिलनी चाहिए, जोकी पिछले दो सीजन से हमें कम दी जा रही हैl जिसके बारे में बार बार सरकार से आग्रह किया गया है।
सीधा भुगतान: पिछले वर्ष से ही MSP का भुगतान सीधे किसानों को दिया जाने लगा है। इस से आढ़तियों के साथ-साथ किसानों में बहुत रोष हैl सरकार से मांग है कि सरकार द्वारा खरीदी जाने वाली सभी फसलों का भुगतान किसान की इच्छा अनुसार आढ़ती या किसान के स्वयं के खाते में अदा किया जाना चाहिए l
सीमांत किसानो की फसले खरीदे सरकार: सीमांत किसानों को ई खरीद पोर्टल पर रजिस्टर्ड करने के बाद भी सरकार ने उनकी फसलें नहीं खरीदी है। जबकि यह सभी सीमांत किसान बहुत वर्षों से हरियाणा की मंडियों से ही जुड़े हुए हैं, और उनमें से बहुत से किसान हरियाणा के ही रहने वाले वर्तमान धान सीजन में सरकार के द्वारा उनका धान नहीं खरीदने के कारण किसानों और आढ़तियों को बहुत नुकसान हुआ है। इस से किसानों में भारी रोष है l अतः सरकार आगामी सीजन में सभी सीमांत किसानों की फसलों की खरीद जरूर करें l
विभिन्न फसलों पर मार्केट व HRDF फीस दे सरकार: सन 2020 में हरियाणा सरकार ने फसलों पर मार्केट व एचआरडीएफ फीस 4% से घटाकर 1% कर दी थी। परंतु अभी फिर से सरकार ने यह फीस 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 4% कर दी हैl जबकि पड़ोसी राज्यों में यह टैक्स हमारे हरियाणा से बहुत कम है l दूसरे प्रदेशों में टैक्स कम होने के कारण व्यापारी हरियाणा की बजाय दूसरे प्रदेशों से धान खरीद रहे हैं l इससे हरियाणा के किसानों को धान के दाम कम मिल रहे हैंl अतः सरकार से निवेदन है कि इसे दोबारा 4% की बजाय 1% कर दिया जाए l
ये भी पढ़ें: Haryana Panchayat Elections: दिवाली के बाद होंगे पंचायती राज चुनाव, देखिए अपडेट
मार्केटिंग बोर्ड के नियमो मे सुधार: आज के प्रतिस्पर्धात्मक एवं आधुनिक माहौल में हरियाणा में मार्केटिंग बोर्ड द्वारा मंडियों के लिए बनाए गए नियम बहुत ही पुराने व अव्यवहारिक हो गए हैं l अतः समय अनुसार अब उन नियमों में भारी बदलाव की आवश्यकता है l इसीलिए सरकार से मांग है कि पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी मंडी बोर्ड के नियमों में बदलाव किए जाए।जिसका लाभ उन से संबंधित सभी प्रदेशवासियों को मिल सके और हमारा प्रदेश और अधिक तरक्की करें। आढ़त की फर्म का एक लाइसेंस पूरे हरियाणा की सभी मडियो मे मान्य होना चाहिए l क्योंकि आजकल सभी लाइसेंस ऑनलाइन पोर्टल पर हैl
मार्केट कमेटी के लाइसेंस की अवधि GST की तरह असीमित होनी चाहिए या जब तक फर्म अपना कार्य बंद ना कर दे तब तक होना चाहिएl मार्केट कमेटी की लाइसेंस फीस एकमुश्त दो या तीन हजार रुपए होनी चाहिए। किन्ही कारणों से अगर कोई मंडी में दुकान निर्माण करने में असमर्थ रहा है तो उस पर भारी जुर्माना नहीं लगाकर पंजाब पैटर्न पर कम से कम जुर्माना वसूला जाएगा।
मंडियों के अधिकृत नक्शे से अतिरिक्त अगर किसी ने बेसमेंट या पहली दूसरी मंजिल इत्यादि का निर्माण किया है तो इसे भी पंजाब पैटर्न की तरह अधिकृत किया जाएl मंडियों में आढ़तियों को अपना व्यापार करने के लिए ज्यादा व्यापारिक क्षेत्र की आवश्यकता नहीं होती है इसलिए सभी दुकानों व बूथों मे तीन या चार लाइसेंस की इजाजत होनी चाहिए।
मंडियों की दुकानों में आढ़त के अतिरिक्त अन्य व्यापार करने की भी इजाजत दी जाए:
डबवाली मंडी के प्रधान गुरदीप कामरा के नेतृत्व में धरनारत आढ़तियों ने कहा कि जब तक सरकार हमारी इन सभी मांगों को मान नहीं लेती तब तक हमारा धरना जारी रहेगा।
ApnaPatrakar