विधायक अमित सिहाग ने शुरू किया हलका डबवाली के सरकारी स्कूलों का निरीक्षण अभियान
सिहाग ने स्कूलों में अध्यापक व अन्य स्टाफ की भारी कमी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई ट्रांसफर पॉलिसी के तहत बदलियो का खामियाजा भी स्कूलों को भुगतना पड़ा है।

कालुआना आरोही स्कूल में 31 में से 23 पद खाली: अमित सिहाग
हलका डबवाली के विधायक अमित सिहाग ने डबवाली के सरकारी स्कूलों के निरीक्षण अभियान की शुरुआत करते हुए प्रथम चरण में 11 गांवों के करीब 13 स्कूलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सरकारी स्कूलों को अभाव से ग्रस्त पाया व सरकारी शिक्षा की दुर्दशा पर गहरी चिंता व्यक्त की।
निरीक्षण के दौरान मुख्य रूप से तीन पहलुओं पर अपना ध्यान केंद्रित किया: विधायक अमित सिहाग
जानकारी देते हुए विधायक ने बताया कि उन्होंने निरीक्षण के दौरान मुख्य रूप से तीन पहलुओं पर अपना ध्यान केंद्रित किया पहला स्कूल की वास्तविक स्थिति, जिसमे अध्यापकों व कर्मचारियों की संख्या बल, मूलभूत सुविधाएं जैसे शौचालय, पीने के पानी की व्यवस्था आदि शिक्षा के साधन जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर, कंप्यूटर लैब, लाइब्रेरी आदि, दूसरा स्कूल के कर्मचारियों, अध्यापकों व छात्रों से स्कूल की अवस्थाओं के बारे में जानकारी ली और तीसरा हरियाणा स्तर पर व्यापक रूप से शिक्षा में क्या सुधार होना चाहिए इस पर उन्होंने चर्चा की व खुद जाकर इसका औचक निरीक्षण किया।
अध्यापक-स्टाफ की भारी कमी पर चिंता व्यक्त की:
सिहाग ने स्कूलों में अध्यापक व अन्य स्टाफ की भारी कमी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई ट्रांसफर पॉलिसी के तहत बदलियो का खामियाजा भी स्कूलों को भुगतना पड़ा है और स्कूलों की स्थिति और भी बदतर हो गई है। उन्होंने बताया कि जिस स्कूल में जिस विषय के अध्यापक की आवश्यकता है, वहां पर ट्रांसफर पोर्टल में कैप्ट दिखाकर उस पोस्ट पर नियुक्ति करने की जगह अध्यापक को किसी अन्य जगह पर नियुक्त कर दिया गया, जिसके कारण अनेक छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि सिरसा जिले में संस्कृति विषय के चार पद स्वीकृति है वहीं इसके विपरीत मेवात आदि क्षेत्र में 40 से ज्यादा अध्यापकों की नियुक्ति की गई है जहां पर शायद इतनी संख्या में संस्कृति के छात्र नहीं होंगे।
आधुनिक लैब की कमी से छात्रों में विज्ञानं विषय की रूचि कम होती जा रही है: विधायक
विधायक ने कहा कि आज के आधुनिक युग में जहां विज्ञान को स्कूलों में बढ़-चढ़कर पढ़ाना चाहिए, वही आधुनिक साइंस लैब व साइंस के अध्यापकों की कमी के चलते छात्रों की रुचि भी इस विषय में कम होती जा रही है। अध्यापकों की कमी को लेकर विधायक ने आंकड़ा सांझा करते हुए बताया कि गांव नौरंग के स्कूल में 22 पद स्वीकृत है लेकिन वहां पर कई सालों से केवल 4 कर्मचारी ही नियुक्त है। जिसके चलते अध्यापकों को दो-दो क्लासों को इकट्ठा पढ़ाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि लोहगढ़ स्कूल में 22 में से 9 व रत्ताखेड़ा के स्कूल में 21 पद स्वीकृत हैं लेकिन वहां पर 9 पद खाली हैं।
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कालुआना आरोही स्कूल में 31 में से 23 पद खाली:
विधायक ने कहा कि कालुआना के आरोही स्कूल जिसकी कांग्रेस सरकार में एक मॉडल स्कूल के रूप में सरंचना की थी ताकि विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा मिल सके, वहां पर 31 में से 23 पद खाली है। उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ स्कूलों में स्टाफ की भारी कमी है वही स्कूलों में क्लासों के लिए पर्याप्त कमरे व फर्नीचर की भी कमी है और कई स्कूलों में बच्चों को बरामदे में बिठाकर पढ़ाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक स्कूल में तो कॉमर्स की क्लास स्टोर रूम में लगाई जा रही थी। उन्होंने बताया कि केवल एक स्कूल को छोड़कर बाकी स्कूलों में जो कंप्यूटर लैब कांग्रेस राज में स्थापित की गई थी उसकी सुध न लिए जाने के कारण वह कारगर स्थिति में नहीं है और सरकार के डिजिटल इंडिया के दावे को खोखला साबित कर रही है।
खामियों को पूरा करने के लिए शिक्षा विभाग से आह्वान किया:
विधायक ने अपने निरीक्षण के दौरान स्कूलों में पाई गई खामियों को पूरा करने के लिए शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारियों से आह्वान किया। सिहाग ने बताया कि हलका डबवाली के स्कूलों के निरीक्षण का उनका यह अभियान इसी प्रकार से जारी रहेगा, ताकि त्रुटियों का पता लगाकर उसमें सुधार करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा सकें।
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