सिरसा की बेटी जैसमीन प्रीत कौर बनीं जज, पहली ही बार में उत्तीर्ण की परीक्षा, पढ़ें सफलता की कहानी

इस मुकाम को हासिल करने के बाद जैसमीन ने बताया कि, उन्होंने इस उपलब्धि को पाने के लिए पूरा-पूरा दिन पढ़ाई की है।

सिरसा की बेटी जैसमीन प्रीत कौर बनीं जज, पहली ही बार में उत्तीर्ण की परीक्षा, पढ़ें सफलता की कहानी
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परिवार से बहुत कम बात करती थीं, सोशल मीडिया से बनाकर रखीं दूरी

सिरसा की कोर्ट कॉलोनी निवासी जैसमीन प्रीत कौर ने बहुत बड़ी उपाधि हासिल कर ली है। मात्र 23 वर्ष की आयु में जैसमीन ने सिविल सेवा न्यायिक परीक्षा उत्तीर्ण कर जज बनी हैं। पुरे परिवार और सिरसा शहर में ख़ुशी की लहर है। जैसमीन कोर्ट कॉलोनी निवासी हरप्रीत सिंह की पुत्री और सरदार बलवंत सिंह की पोती हैं।

जैसमीन अपने पास एक नार्मल सा मोबाइल रखती थी और सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखती थी, जिससे की वो निरंतर अपनी पढ़ाई कर सकें। इनके परिवार ने इनका पूरा साथ दिया। साल 2021 में जैसमीन ने बीए एलएलबी की परीक्षा प्रीतमपुरा दिल्ली से उत्तीर्ण की और इसके बाद 2022 में पहली बार में ही सिविल सेवा न्यायिक परीक्षा में सफल रही। इनका भाई आर्यन अमेरिका के कैलिफोर्निया में इंजीनियर की पढ़ाई कर रहा है।

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19 घंटे दिन में पढ़ाई:
इस मुकाम को हासिल करने के बाद जैसमीन ने बताया कि, उन्होंने इस उपलब्धि को पाने के लिए पूरा-पूरा दिन पढ़ाई की है। वह दिन में 19 घंटे पढ़ाई किया करती थीं और केवल 3 से 4 घंटे ही सोती थीं। उन्होंने बताया कि, उन्हें नींद तो आती थी, लेकिन सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अपने आप हमेशा प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि उनकी माता दिवेंद्र कौर भी सिरसा की कोर्ट में एडवोकेट हैं। इनको देखकर बचपन से ही उनके मन में जज्बा भर जाता था।

परिवार से कम करती थीं बात:
जैसमीन ने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखी थी। ऐसा करने से पढ़ाई में ज्यादा ध्यान दे पाती थी। घर वालों से बात करने के लिए एक साधारण मोबाइल फ़ोन रखा हुआ था। परिवार वालों का कॉल आता तो बस सिर्फ दो मिनट ही बात करती थी।

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छोटी सी उम्र में देखा था सपना:
जैसमीन कौर ने बताया कि, उनका बचपन से सपना था कि वो कोई बड़ी उपलब्धि हासिल करें। नौवीं कक्षा में वह आईएएस या फिर ज्यूडिशरी में जाना चाहती थीं, लेकिन इसके बाद वो चीफ जस्टिज ऑफ इंडिया और उनके परिवार को फॉलो करने लगीं। वो हमेशा सोचती थीं कि इनकी फैमिली में हर कोई नए मुकाम पर रहा है तो मैं भी कुछ बड़ा करूंगी। उन्होंने बताया कि, इसके बाद उन्होंने जज बनने का फैसला किया। इसके बाद उनका सपना था कि पहली कोशिश में ही वह अपनी मंजिल पा लें।

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