अमेरिका में 40 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची महंगाई, फेड रिजर्व के सारे दांव फेल!
सितंबर के महीने में फेडरल रिजर्व ने लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में

US : सितंबर के महीने में फेडरल रिजर्व ने लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी की थी,कोर महंगाई के हाई लेवल पर पहुंचने से इस बात की और संकेत हो रहा है की फेडरल बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाई हैं, उसका असर कुछ खास नहीं देखा जा रहा है।
अमेरिका में महंगाई (US Inflation) रुकने का नाम नहीं ले रही है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक की सारी कोशिशें फेल होती हुई दिख रही हैं. सितंबर के महीने में महंगाई दर एक बार फिर से बाइडन सरकार और केंद्रीय बैंक के अनुसार ज्यादा रही।
अमेरिका के आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता की कीमतों में बहुत ज्यादा तेजी देखने को मिल रही है। और यह रिकॉर्ड 40 साल के हाई स्तर पर पहुंच गया है। इस वजह से घरेलू और जरूरी सामान का मुल्य में काफी उछाल आया है,और लोगों का यहां जेब खर्चा भी बढ़ गया है। महंगाई के आंकड़े को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में और बढ़ोतरी कर सकता है।
अमेरिका श्रम विभाग के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार कोर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 1 साल पहले की तुलना में 6.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह साल 1982 के बाद की सबसे ज्यादा है। अगस्त की तुलना में सितंबर में कोर सीपीआई मैं 0.4 फीसदी बडोतरी हुई,और अब महंगाई दर 8.2 फ़ीसदी पर जाकर टिकी है। अगस्त महीने में यह आंकड़ा 7.8फीसदी रहा था। और सीपीआई में फूड और एनर्जी शामिल नहीं है। सितंबर में वही हाउस ओल्ड फार्निसिंग्स,व्हीकल इंश्योरेंस महंगा हुआ था। वही यूज्ड की कार और कपड़ों की कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है।
अमेरिका में पालतू जानवरों की रखवाली से लेकर डेंटल विजिट जैसी सर्विस लगातार महंगी होती जा रही है। सितंबर महीने में फेडरल रिजर्व ने लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। कोर महंगाई के हाई लेवल तक पहुंचने से इस बात की ओर संकेत जा रहा है, कि फेडरल बैंक ने जो ब्याज दरें बढ़ाई है उसका असर कुछ खास नहीं पड़ा है।
नवंबर में फिर बढ़ोतरी हो सकती है
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 2 फ़ीसदी तक के महंगाई के आने का लक्ष्य रखा है। लेकिन फिलहाल ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है। बढ़ती महंगाई की वजह से लोगों को लग रहा है कि नवंबर महीने में होने वाली फेडरल रिजर्व की बैठक में एक बार फिर ब्याज दरों में बडोतरी हो सकती है। ब्याज दरों में यह बढ़ोतरी न केवल अमेरिकी बल्कि दुनिया भर की अर्थव्यवस्था पर असर डालती है। निवेशकों के लिए गए फैसले रातों-रात से चेंज हो जाते हैं। दुनिया भर के शेयर बाजारों में अफरा तफरी मत जाती है। जो हालत बिगड़ने वाले साबित होते हैं।