सिरसा जिले के किसानों का फैसला, आत्महत्या कर लेंगे पर उठेंगे नहीं

कालुआना गांव के किसानों को डुप्लीकेट दवा भेजकर उनके साथ धोखाधड़ी करने के मामले में प्रशासन ने किसानों को दुकानदार पर ...

सिरसा जिले के किसानों का फैसला, आत्महत्या कर लेंगे पर उठेंगे नहीं
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नकली कीटनाशक दवाई से लाखों की फसल बर्बाद होने पर धरने पर बैठे हैं किसान

सिरसा: जिले के कालुआना गांव से एक बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है। सिरसा जिले के कालुआना गांव के किसानों को पेस्टिसाइड के एक दुकानदार ने डुप्लीकेट दवा दे दी, जिससे इस गांव के किसानों की लाखों की फसल बर्बाद हो गई। कालुआना गांव के किसानों ने इकट्ठा होकर दवा से हुए नुकसान की भरपाई और दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि जब तक हमें इंसाफ नहीं मिलेगा, तब तक हम यहां से उठेंगे नहीं जरूरत पड़ी तो आत्महत्या का कदम भी उठाएंगे। सोमवार को सभी किसान इकट्ठा होकर कृषि विभाग के उपनिदेशक (DDA) कार्यालय पहुंचे और वहां धरना देकर नारेबाजी करते हुए अपना विरोध जाहिर किया। किसानों ने दुकानदार पर आरोप लगाते हुए कहा कि डुप्लीकेट दवा के छिड़काव से उनकी फसल तहस-नहस हो गई है। किसानों ने कहा कि अगर दुकानदार पर कार्रवाई नहीं हुई और हमें मुआवजा नहीं मिला तो हम इसी स्थान पर आत्महत्या कर लेंगे।

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कार्रवाई होने के बाद ही लेंगे दूसरा फैसला:
कालुआना के किसान अजय व राजू ने बताया कि 10 अगस्त को उन्होंने बणी गांव के एक दुकानदार दवारा UPL की डुप्लीकेट दवा दी गई। जब उन्होंने इस दवा का स्प्रे अपने खेत में फसलों पर किया तो संपूर्ण फसल बर्बाद हो गई। अब इस मामले में गांव के सभी किसान दुकानदार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि हम न्याय के लिए बार-बार DDA कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।

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किसानों ने अधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप:
किसानों ने कहा कि जब तक डीडीए कार्यालय दोबारा कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक हमारा धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। अगर हमें इंसाफ नहीं मिला तो हम आत्महत्या कर लेंगे।

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प्रशासन ने दिया कठोर कार्रवाई का आश्वासन:
कालुआना गांव के किसानों को डुप्लीकेट दवा भेजकर उनके साथ धोखाधड़ी करने के मामले में प्रशासन ने किसानों को दुकानदार पर कठोर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। कृषि अधिकारी विजेंद्र ने बताया कि किसानों की शिकायत की जांच हेतु एक कमेटी गठित की गई थी। कमेटी ने जांच-पड़ताल दौरान पाया कि दुकानदार ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की है। इसकी जानकारी के बाद कमेटी ने दुकानदार का लाइसेंस रद्द कर करते हुए उसे नोटिस थमा दिया है। किसान जिस प्रकार से अधिकारियों की मिलीभगत की बात कर रहा है वह सरासर गलत है। प्रशासन अपना काम कर रहा है।

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