नमी के चलते सस्ते दाम पर हो रही सरसों की खरीद किसान चिंतित

नमी के चलते सस्ते दाम पर हो रही सरसों की खरीद किसान चिंतित
पिछले कुछ दिनों से हुई बरसात से गेहूं सरसों उत्पादक किसानों को चिंता सताने लगी है कि फसल मंडियों में सरसों भी सरकारी भाव पर नहीं दिख रही है और ऊपर से खेतों में भी मौसम को देखते हुए नुकसान की आशंका बढ़ गई है। हालांकि जिले में प्राइवेट वेक्टर्ड की तरफ से कर्म सीरियल खरीद जारी है. सरकार ने आढ़तियों की आदत है. ढाई प्रतिशत से घटाकर 1.25% कर दी है. जिसको लेकर आढ़तियों में भी रोष है. हरियाणा में समर्थन मूल्य ₹450 पर सरसों खरीद नहीं होने से मंडियों में सरसों पड़ी है किसान मजबूरन प्राइवेट तौर पर कम भाव में बेचने को मजबूर दिखाई दे रहे हैं. 38% तेल तक की सरसों खरीद है पढ़ कर रही है. वही ज्यादा बरसात में तेज हवा चलने के कारण गेहूं की फसल भी जमीन पर लेट चुकी है लेकिन किसान मंडी में फसल भाव को देखते हुए फसल लाने से कतरा रहे हैं. आपको बता दें कि सिरसा जिला में शनिवार को है 1900 क्विंटल सरसों की खरीद की गई जिसमें शनिवार को है पढ़ने सिरसा से 300 क्विंटल कालावाली से 260 क्विंटल डबवाली से 120 क्विंटल ऐलनाबाद से 210 किलोमीटर सरसों की खरीद की है इसके अलावा सिरसा में 970 क्विंटल प्राइवेट सरसों की खरीद की गई अब तक सिरसा मंडी में 5000 क्विंटल प्राइवेट है 870 क्यूटल कमर्शियल सहित कुल 5804 कुंटल सरसों की खरीद हो चुकी है जिले में 18 मार्च तक कुल 34396 क्विंटल सरसों की खरीद हुई है जिसमें से 32650 क्विंटल प्राइवेट और 995 क्विंटल हेड की ओर से कमर्शियल खरीद शामिल है.
सरसों की खरीद के नाम पर हो रही है खानापूर्ति
गांव रामपुरा के किसान सुभाष मिश्रा ने बताया कि वह कटाई बैकड़ाई वालों को रुपए देने व बरसात के डर से मंडी में सरसों की फसल मजबूरन बेचने आए हैं मंडी में उसकी फसल के सिर्फ ₹4300 रुपए दाम लगाए जा रहे हैं सरकार समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद नहीं कर रही है ए पेट भी कमर्शियल खरीद के नाम पर खानापूर्ति ही कर रहा है और मंडी में शाम तक खरीद शुरू ही नहीं की जा रही कम दाम के कारण उसने मंडी में डेयरी की फसल को वापस अपने घर ले जाने का फैसला किया है.