सिरसा: नाबालिग बेटी से दुष्कर्म मामले में दोषी पिता को फांसी की सजा
फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद, दोषी को कड़ी निगरानी में जेल पहुंचाया गए।

कोर्ट ने कहा- जो घोर अपराध किया है, उसकी मौत है सजा
सिरसा जिला के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पोक्सो एक्ट में दुष्कर्म के मामले में फांसी कि सजा सुनाई है। वीरवार को नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने के दोषी पिता को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। वैसे इससे पहले तस्करी और हत्या के मामले में दो बार दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई थी।
न्यायाधीश प्रवीण कुमार के फैसले सुनाए जाने से पहले दुष्कर्म के दोषी पिता ने हाथ जोड़कर कहा, जज साहब मुझे फांसी की सजा मत देना। मानता हूं मुझसे गलती हुई है। दोषी रोते हुए जज के सामें गिड़गिड़ाने लगा। न्यायाधीश ने उसकी तरफ देखा और कहा कि, जो तुमने घोर अपराध किया है, उसके लिए तुम्हें मौत की सजा ही देना न्याय संगत है।
फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद, दोषी को कड़ी निगरानी में जेल पहुंचाया गए। इस मामले की पेरी उप जिला न्यायवादी राजीव सरदाना ने की थी। राजीव ने कोर्ट से इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ़ रेयर बताते हुए दोषी पिता को फांसी की सजा की मांग की थी।
न्यायाधीश प्रवीण कुमार ने अपने फैसले में पीड़िता को पांच लाख रूपए का मुआवजा देने का आदेश भी दिया है। मुआवजा राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की तरफ से पीड़िता को मिलेगी। दुष्कर्म के दोषी पिता को 50 हजार रूपए का अर्थदंड लगाया है, वो राशि भी पीड़िता को दी जाएगी।
बालिका ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि, वह सातवीं कक्षा में पढ़ती है। उसका पिता शराब पीने का आदी है। नशे में घर पर झगड़ा करता रहता है। 26 सितंबर 2020 को उसके पिता ने उसकी मां के साथ झगड़ा करके उसे घर से बाहर निकाल दिया। रात को वह अपने भाई के साथ चारपाई पर सोई हुई थी। देर रात पिता ने उसे उठाया और जबरन उसके साथ दुष्कर्म किया। पिता ने उसे धमकी दी कि अगर किसी को इस बारे में बताया तो जान से मार दूंगा। अगले दिन मां घर लौटी तो उसने डर के मारे उसे कुछ नहीं बताया। इसके बाद पेट में दर्द होने लगा तो उसने मां को सारी आप बीती बता दी। इसके बाद मां उसे सरपंच के पास ले गई। फिर घटना की जानकारी महिला थाना सिरसा पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस ने पीड़िता का सिविल अस्पताल में मेडिकल कराया, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हो गई थी। इस पर पुलिस ने पीड़िता का बयान दर्ज करके आरोपी पिता के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था।