6G in India: दुनिया में ये देश शुरू कर चुके हैं 6G, जानिए क्या होगा इसका फायदा?
भारत में अभी सभी टेलिकॉम ग्राहकों को 5G नेटवर्क की सुविधा ही नहीं मिल रही है.

6G Network in World: भारत में अभी सभी टेलिकॉम ग्राहकों को 5G नेटवर्क की सुविधा ही नहीं मिल रही है.
देश में सिर्फ दो टेलिकॉम कंपनियां जियो और एयरटेल ही अपने ग्राहकों को 5जी सर्विस उपलब्ध करा रही हैं.
कुल मिलाकर देश में अभी सभी टेलिकॉम ग्राहकों तक 5जी इंटरनेट की सुविधा पहुंचाने का काम चल रहा है.
वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने 6G नेटवर्क सेवा को शुरू करने की समयसीमा भी तय कर दी है.
पीएम मोदी कह चुके हैं कि 6G नेटवर्क सुविधा शुरू करने के लिए एक टास्क फोर्स बनाई जा चुकी है, जो लगातार काम कर रही है.
उनके मुताबिक, 2030 तक देश में 6G नेटवर्क सेवा शुरू कर दी जाएगी.
दक्षिण कोरिया की सरकार ने तो ये भी घोषणा कर दी है कि देश में साल 2028 तक ग्राहकों को 6जी नेटवर्क सेवा मिलनी शुरू हो जाएगी.
कोरिया की सरकार ने लोकल कंपनियों को 6जी नेटवर्क में इस्तेमाल होने वाले सामान की मैन्युफक्चरिंग करने को भी कह दिया है.
कोरिया तय समय पर 6जी सेवा शुरू कर ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बनना चाहता है.
कोरियाई सरकार इस परियोजना पर 3,900 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर रही है.
साउथ कोरिया के विज्ञान मंत्री लिम हेई के मुताबिक, 6जी नेटवर्क की रफ्तार देश में उपलब्ध मौजूदा नेटवर्क के मुकाबले 50 गुना ज्यादा होगी.
दक्षिण कोरिया की सरकार ने स्थानीय कंपनियों को 6जी नेटवर्क से जुड़े सामान बनाने को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी का ऐलान भी कर दिया है.
दक्षिण कोरिया की सरकार इससे जुड़ी सप्लाई चेन को मजबूत करने पर जोर दे रही है.
बता दें कि साउथ कोरिया की 5जी के विस्तार में 25.9 फीसदी हिस्सेदारी है. वहीं, चीन की इसमें हिस्सेदारी 26.8 फीसदी है.
साउथ कोरिया के अलावा अमेरिका, चीन, जापान और भारत भी 6जी नेटवर्क उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहे हैं.
अमेरिका ने इसके लिए ‘नेक्स्ट जी अलायंस’ लॉन्च किया है. इस अलायंस में ऐपल, एटी एंड टी, क्वालकॉम, गूगल और सैमसंग शामिल हैं.
वहीं, चीन ने 2022 के आखिर में अपने टेलिकॉम रिसर्च इंस्टीट्यूट का लिखा श्वेतपत्र के जरिये 6जी के लिए विजन जारी किया था.
इसके पहले एक चीनी मोबाइल कंपनी ने भी इस दिशा में अपना सुझाव जारी किया था.
जापान में भी 6जी के लिए ‘विजन 2030’ नाम से श्वेतपत्र प्रकाशित कर चुका है.
ये श्वेतपत्र जापान के इंटीग्रेटेड ऑप्टिकल एंड वायरलेस नेटवर्क फोरम ने तैयार किया था.
जापान की मिनिस्ट्री ऑफ इंटरनल अफेयर्स एंड कम्युनिकेशन ने इसके लिए एक गवर्नमेंट-सिविलियन रिसर्च सोसायटी भी बना दी है.
वहीं, साउथ कोरिया की मिनिस्ट्री ऑफ साइंस, इन्फॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी ने 6जी नेटवर्क के शोध व विकास का प्लान बनाया है.
हमारे मोबाइल इंटरनेट के लिए वैसे तो 5G इंटरनेट सेवा ही काफी है. लेकिन, अगर 6जी नेटवर्क सेवा शुरू हो जाती है तो इसका कवरेज एरिया 10 किमी हो जाएगा.
साफ है कि नेटवर्क के गायब होने का झंझट खत्म हो जाएगा.
विशेषज्ञों के मुताबिक, 6G नेटवर्क सेवा शुरू होने के बाद इंटरनेट की स्पीड मौजूदा 5G नेटवर्क के मुकाबले करीब 100 गुना तक ज्यादा होगी.
आसान भाषा में समझें तो 6जी इंटरनेट की रफ्तार 100 जीबीपीएस तक होगी.
इंटरनेट की ज्यादा रफ्तार का असर ऑनलाइन मीटिंग्स से लेकर मूवी एक्सपीरिएंस तक में नजर आएगा.
6G इंटरनेट सेवा शुरू होने पर कृषि क्षेत्र को भी बड़ी मदद मिलेगी.
अगर 6जी नेटवर्क सेवा शुरू हो जाती है तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग अब से बहुत शानदार हो जाएगी.
हर वो काम एआई और मशीन लर्निंग की मदद से हो सकेगा, जिसके लिए फिलहाल इंसानों के नजर रखने की जरूरत पड़ती है.
सामान्य जीवन में देखें तो एक 4K मूवी को डाउनलोड करने में 1 सेकेंड से भी कम वक्त लगेगा.
इससे बिजली की खपत और समय दोनों की बचत होगी.
कारखानों में मशीन और रोबोट के इस्तेमाल से ऊर्जा व पानी की बचत होगी.
6जी इंटरनेट सेवा शुरू होने पर कृषि क्षेत्र को भी बड़ी मदद मिलेगी. स्मार्ट फार्मिंग की मदद से फसल में सही मात्रा में कीटनाशकों का इस्तेमाल होगा.
वहीं, पानी की बचत भी हो सकेगी.
साथ ही मवेशियों पर भी स्मार्ट तरीके से नजर रखी जा सकेगी.
ड्राइवरलेस व्हीकल्स को ऑपरेट करने में भी आसानी बढ़ेगी.
स्मार्टफोन के बजाय लोग ब्रेन कंप्यूटर्स का इस्तेमाल शुरू कर पाएंगे.
इसके साथ ही चिप्स को इंसान के शरीर में लगाकर साइबॉर्ग का इस्तेमाल शुरू हो पाएगा.