EWS वर्ग के लिए बड़ी खुशखबरी, जारी रहेगा 10% आरक्षण, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की EWS पर सभी पुनर्विचार याचिकाएं
सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और नौकरियों में 10% आरक्षण दिए जाने के फैसले पर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की सुप्रीम मोहर लगी है.

सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और नौकरियों में 10% आरक्षण दिए जाने के फैसले पर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की सुप्रीम मोहर लगी है. कोर्ट ने EWS आरक्षण को सही ठहराने वाले फैसले पर पुनर्विचार की मांग खारिज कर दी है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सभी पुनर्विचार याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि फैसले में प्रत्यक्ष रूप से कोई खामी नजर नहीं आती है.
गौरतलब है कि पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 7 नवंबर, 2022 को तीन-दो के बहुमत से फैसला देते हुए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के संवैधानिक प्रविधान 103वें संविधान संशोधन को सही ठहराया था. सुप्रीम कोर्ट में करीब एक दर्जन याचिकाएं दाखिल हुईं थीं जिनमें EWS आरक्षण को सही ठहराने वाले फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की गई थी.
EWS आरक्षण पर फिर मुहर लगाने वाला यह फैसला प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस दिनेश महेश्वरी, जस्टिस एस. रविंद्र भट, जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पार्डीवाला की पीठ ने पुर्नविचार याचिकाओं पर चैंबर में सर्कुलेशन के जरिये विचार करने के बाद पिछली 9 मई को दिया गया था लेकिन आदेश की प्रति मंगलवार को उपलब्ध हुई.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल करने में हुई देरी तो माफ कर दी, लेकिन पुनर्विचार याचिकाओं पर खुली अदालत में सुनवाई की मांग ठुकरा दी. संविधान पीठ ने कहा कि उन्होंने पुनर्विचार याचिकाएं देखीं, उन पर विचार किया और पाया कि फैसले में प्रत्यक्ष तौर पर कोई खामी नहीं है.