ब्रिटेन में खालीस्तान समर्थकों ने भारतीय हाई कमीशन से तिरंगा उतार कर किया उसके साथ दुर्व्यवहार, जाने कोन है अमृतपाल सिंह
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के खिलाफ हो रहे हैं विरोध को लेकर भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में विरोध कर रहे हैं

ब्रिटेन में खालीस्तान समर्थकों ने भारतीय हाई कमीशन से तिरंगा उतारा
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के खिलाफ हो रहे हैं विरोध को लेकर भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में विरोध कर रहे हैं। कल शाम यानी रविवार को खालिस्तान समर्थक भारी संख्या में भारतीय हाई कमीशन के बाहर जमा हुए और बिल्डिंग में घुसे तिरंगा उतार कर उसके साथ बदसलूकी की, खालिस्तान समर्थकों के हाथ में खालीस्थान झंडा और अमृतपाल सिंह के पोस्टर थे। पोस्टर पर लिखा था फ्री अमृतपाल सिंह, वी वांट जस्टिस स्टैंड विद अमृतपाल सिंह। एक शख्स को खालिस्तान जिंदाबाद कहते हुए भी सुना गया। भारत में दिल्ली में ब्रिटिश हाई कमिश्नर को तलब किया है।
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने खूब उत्पाद मचाया। एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है जिसमें खालिस्तानी समर्थक तिरंगा उतारते हुए नजर आ रहे हैं। खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं। उन्होंने भारतीय हाई कमीशन के बाहर भीड़ की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। वहीं घटना के बाद भारत में ब्रिटिश हाई कमिश्नर एलेक्स एलिस ने इसकी निंदा की ओर कहा कि यह पूरी तरह अस्वीकार्य है, मैं ब्रिटेन में भारतीय हाई कमीशन के लोगों और परिसर में हुए हंगामे की निंदा करता हूं।
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल और उसके 6 साथियों को पंजाब पुलिस ने जालंधर के मैहतपुर इलाके में शनिवार को हिरासत में ले लिया। उस समय ये सभी मोगा की ओर जा रहे थे। यह गिरफ्तारी अजनाला थाने पर हमले से जुड़े केस में हुई है। पंजाब पुलिस के घेरा डालते ही अमृतपाल खुद गाड़ी में बैठकर उसने वहां से लिंक रोड पकड़ कर भाग निकला। पुलिस की करीब 100 गाड़ियां उसके पीछे लग गईं। अमृतपाल को जालंधर के नकोदर एरिया से गिरफ्तार करने की सूचना है। अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा रही है।
इस बीच हालात की गंभीरता को भांपते हुए पंजाब में एंटरनेट सेवा बंद
खालिस्तान समर्थक संगठन 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल के खिलाफ 3 केस दर्ज हैं जिनमें से दो मामले अमृतसर जिले के अजनाला थाने में हैं। अपने एक करीबी की गिरफ्तारी से नाराज होकर अमृतपाल ने 23 फरवरी को समर्थकों के साथ मिलकर अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। इस केस में उस पर कार्रवाई नहीं होने के चलते पंजाब पुलिस की काफी आलोचना हो रही थी।
जालंधर-मोगा पुलिस ने मिलकर किया काम
शनिवार को अमृतपाल ने जालंधर-मोगा नेशनल हाईवे पर शाहकोट-मलसियां इलाके और बठिंडा जिले के रामपुरा फूल में कार्यक्रम रखे थे। शाहकोट-मलसियां इलाके में उसके प्रोग्राम के लिए समर्थक सुबह से जुटने लगे थे। इस प्रोग्राम से पहले ही जालंधर और मोगा पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में गुपचुप तरीके से अमृतपाल को गिरफ्तार करने की रणनीति बना ली थी। इसके लिए आसपास के कई जिलों से रातोंरात पुलिस फोर्स बुला ली गई। जालंधर-मोगा नेशनल हाईवे पर भी सुबह से ही भारी नाकेबंदी कर दी गई।
शनिवार दोपहर लगभग 1 बजे जैसे ही अमृतपाल का काफिला जालंधर के मैहतपुर कस्बे के नजदीक पहुंचा, पुलिस ने घेरा डाल लिया। काफिले में सबसे आगे चल रही 2 गाड़ियों में सवार 6 लोगों को पकड़ लिया गया। अमृतपाल की मर्सिडीज कार काफिले में तीसरे नंबर पर थी। पुलिस को देखकर उसका ड्राइवर गाड़ी लिंक रोड की तरफ मोड़कर भगा ले गया। जालंधर और मोगा पुलिस उसके पीछे लग गई।
अमृतपाल ने की अपने चाहने वोलो को बुलाया एक साथ
ब्रिटेन में खालीस्तान समर्थकों ने भारतीय हाई कमीशन से तिरंगा उतार कर किया उसके साथ दुर्व्यवहार खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के खिलाफ हो रहे हैं विरोध को लेकर भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में विरोध कर रहे हैं। कल शाम यानी रविवार को खालिस्तान समर्थक भारी संख्या में भारतीय हाई कमीशन के बाहर जमा हुए और बिल्डिंग में घुसे तिरंगा उतार कर उसके साथ बदसलूकी की, खालिस्तान समर्थकों के हाथ में खालीस्थान झंडा और अमृतपाल सिंह के पोस्टर थे। पोस्टर पर लिखा था फ्री अमृतपाल सिंह, वी वांट जस्टिस स्टैंड विद अमृतपाल सिंह। एक शख्स को खालिस्तान जिंदाबाद कहते हुए भी सुना गया। भारत में दिल्ली में ब्रिटिश हाई कमिश्नर को तलब किया है।
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने खूब उत्पात मचाया। एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है जिसमें खालिस्तानी समर्थक तिरंगा उतारते हुए नजर आ रहे हैं। खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं। उन्होंने भारतीय हाई कमीशन के बाहर भीड़ की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। वहीं घटना के बाद भारत में ब्रिटिश हाई कमिश्नर एलेक्स एलिस ने इसकी निंदा की ओर कहा कि यह पूरी तरह अस्वीकार्य है, मैं ब्रिटेन में भारतीय हाई कमीशन के लोगों और परिसर में हुए हंगामे की निंदा करता हूं।
पुलिस को गिरफ्तार किए गए अमृतपाल के 6 साथियों से कई हथियार मिले हैं। इन्हें जालंधर के मैहतपुर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया। अमृतपाल का कार में बैठकर भागते हुए का एक वीडियो भी सामने आया। इस वीडियो में अमृतपाल गाड़ी की अगली सीट पर बैठा नजर आ रहा है और अपने समर्थकों से इकट्ठा होने की अपील कर रहा है। गाड़ी में मौजूद अमृतपाल के समर्थक यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि पुलिस उनके पीछे लगी है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, लगभग डेढ़ घंटा पीछा करने के बाद पुलिस ने अमृतपाल को नकोदर एरिया से गिरफ्तार कर लिया। हालांकि पुलिस का कोई अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहा।
सोशल मीडिया पर लाइव आ रहे अमृतपाल के चाहने वाले
अमृतपाल के करीबी भगवंत सिंह उर्फ बाजेके को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मोगा के रहने वाले भगवंत सिंह को उस समय दबोचा गया.जब वह अपने खेतों में पशुओं के लिए चारा काट रहा था। पांच गाड़ियों में पहुंचे पुलिसवालों ने खेतों में घेरा डालकर उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को देखते ही भगवंत सिंह सोशल मीडिया पर लाइव हो गया और लोगो को पुलिस का यह कड़ा बर्ताव दिखाने लगा। भगवंत सिंह के खिलाफ हथियारों के साथ सोशल मीडिया पर फोटो डालने को लेकर केस दर्ज हो चुका है। वह पंजाब सरकार के खिलाफ और अमृतपाल के हक में वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर प्रचार करने का काम करता था .
अजनाला थाने पर किया था हमला
गौरतलब है कि पिछले महीने 23 फरवरी को खालिस्तान समर्थक संगठन 'वारिस पंजाब दे' से जुड़े हजारों लोगों ने अमृतसर के अजनाला थाने काफी बुरी तरह हमला किया था और उन्होंने सरकार को चुनौती दी थी। इनके हाथों में बंदूकें और तलवारें थीं। ये लोग संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। इनके हमले के बाद दबाव में आई पंजाब पुलिस ने आरोपी को रिहा करने का ऐलान कर दिया था। वहां पर ऐसा दिख रहा रहा की प्रशासन ने घुटने तक दिए है.
अमृतपाल सिंह कैसे बना मुखिया
अमृतपाल सिंह, अमृतसर जिले के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है। वह 2012 में काम के सिलसिले में दुबई गया था। वहां से सितंबर 2022 को भारत लौटा। सितंबर महीने में ही उसे खालिस्तानी समर्थक दीप सिद्धू के संगठन 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख बनाया गया।
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