oxfam: अरबपतियों की संपत्ति हर दिन 22,000 करोड़ रूपए बढ़ रही
इन पर टैक्स से खत्म हो जाए 2 अरब लोगों की गरीबी से बहार निकल सकते है .

ओक्सफैम: इन पर टैक्स से खत्म हो जाए 2 अरब लोगों की गरीबी से बहार निकल सकते है .
ओक्सफैम ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि दुनिया के अमीरों पर 5 फीसदी टैक्स लगाने से एक वर्ष में करीब 1.7 ट्रिलियन डॉलर इकट्ठे किए जा सकते हैं, जो कि दुनिया के करीब 2 अरब लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाल सकते हैं।
दुनिया के एक फीसदी अमीरों की दौलत बीते दो वर्षो में दुनिया के बाकी 99 फीसदी लोगों की तुलना में करीब दोगुनी तेज़ी से बढ़ी है। एक नई रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बता दें कि ऑक्सफेम ने विश्व इकॉनोमिक फोरम की वार्षिक बैठक के दौरान अपनी एनुअल असमानता रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया के अमीरों की दौलत हर दिन 22 हज़ार करोड़ रुपए बढ़ बढ़ी है। वहीं दूसरी तरफ़ दुनिया के 170 करोड़ मजदूर उन देशों में रहते हैं, जहां महंगाई, मजदूरी से ज़्यादा है।
ओक्सफैम ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि दुनिया के अमीरों पर 5 फीसदी टैक्स लगाने से एक वर्ष में करीब 1.7 लाख़ करोड़ रुपए इकट्ठे किए जा सकते हैं, जो कि दुनिया के लगभग दो अरब लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाल सकते हैं। "सर्वाइवल ऑफ द रिचेस्ट" विषय वाली इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2020 से दुनिया में लगभग 42 ट्रिलियन यूएस डॉलर की संपत्ति कमाई गई है, जिसमें से करीब दो तिहाई संपत्ति दुनिया के सिर्फ़ एक फीसदी अमीरों के हिस्से में गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक में दुनिया के एक फीसदी अमीरों ने दुनिया भर में कमाई गई कुल संपत्ति में से आधी पर कब्जा किया था। हालांकि बीते 25 वर्षो में अमीरों और गरीबों के बीच में इनक्वालिटी ज़्यादा देखने को मिली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां एक आम आदमी अपनी हर दिन की जरूरतों को पूरा करने में रोजाना बलिदान दे रहा है, वहीं अमीर लोग दिनों दिन अमीर होते जा रहे हैं। बीते दो साल अमीरों के लिए ख़ास तौर पर फायदेमंद रहे हैं।
कोविड महामारी के दौरान कमाई गई कुल संपत्ति में से 26 ट्रिलियन US डॉलर पर पूरा कब्जा एक फीसदी अमीरों का रहा था। वहीं बाकी 99 फीसदी लोगों के हिस्से में 16 ट्रिलियन डॉलर की ही संपत्ति आई थी। अमीरों की संपत्ति में वर्ष 2022 के दौरान तेज़ी से बढ़ोतरी हुई। इसकी वजह बढ़ती महंगाई और एनर्जी सेक्टर से मिलने वाला मुनाफ़ा रहा। रिपोर्ट के अनुसार, बीते वर्ष 95 फीसदी खाद्य और उर्जा कंपनियों ने दोगुने से भी ज़्यादा मुनाफ़ा कमाया है।