अमेरिका: देशद्रोह का केस और समर्थन घटता देख ट्रंप ने 2024 का राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का ऐलान किया
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में ट्रंप की जीत का आधार अमेरिका के 506 कंजरवेटिव संगठनों का 'क्लब ऑफ ग्रोथ' समूह को माना जाता है।

ट्रंप की 2 साल पहले ही राष्ट्रपति चुनाव की दावेदारी
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ऊपर हुए देशद्रोह के केस और घटते जनसमर्थन को देखते हुए चुनाव से 2 साल पहले ही राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी है।
बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव 2024 में होने है। इन चुनाव के लिए डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया है। मिडट चुनाव में अपनी रिपब्लिकन पार्टी के फीके प्रदर्शन के बावजूद ट्रंप की घोषणा बड़ा रणनीतिक कदम देखा जा रहा है। हालांकि ट्रंप ने फ्लोरिडा स्थित अपने चर्चित रिसोर्ट मार-ए-लागो के बॉलरूम से जब अपनी उम्मीदवारी जताई उस वक्त वहां पार्टी के 49 में से 10 सीनेटर और 28 में से 5 गवर्नर ही मौजूद थे। इस हिसाब से देखा जाए तो ट्रंप अपने ऊपर लगे हुए केस को दबाने के लिए ही यह खेल खेल रहे हैं।
ट्रंप ने मुख्य रूप से दो कारणों से चुनाव के लगभग दो साल पहले ही उम्मीदवारी की घोषणा की है। पहला- पार्टी में बढ़ता विरोध और कई मजबूत दावेदारों की चुनौती। अब ट्रंप को लगने लगा है कि उनकी पार्टी में हिस्सेदारी नाममात्र ही रह गई है। रिपब्लिकन वोटर भी ट्रंप से खिसक कर और नाराज होकर नए दावेदारों की ओर जा रहे हैं। इसके अलावा ट्रंप इन दिनों देशद्रोह समेत दो बड़े क्रिमिनल केसो का सामना कर रहे हैं। इन सब से बचने के लिए ही ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की दावेदारी की है।
''क्लब ऑफ ग्रोथ'' ट्रंप की रेस में डाल सकता है रोड़े:
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में ट्रंप की जीत का आधार अमेरिका के 506 कंजरवेटिव संगठनों का 'क्लब ऑफ ग्रोथ' समूह को माना जाता है। मिडटर्म इलेक्शन के बाद क्लब ऑफ ग्रोथ के सर्वे में ट्रंप की रेटिंग गवर्नर डीसेन्टिस की तुलना में घटकर 39 फीसदी के लगभग रह गई है।
इस वक्त चल रहे हैं ट्रंप पर 3 केस:
पिछले चुनाव में ट्रंप की हार के बाद कैपिटल में काफी हिस्सा हुई थी। ट्रंप पर कैपिटल हिंसा के लिए अपने समर्थकों को भड़काने का केस चल रहा है। इसके अलावा निजी आवास में खुफिया पेपर्स लाने का देशद्रोही कृत्य भी ट्रंप पर चल रहा है। ट्रंप पर 2000 करोड़ रूपए की टैक्स चोरी का सिविल आरोप भी है।
ट्रंप को पेंस-डीसेन्टिस से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है:
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपनी पार्टी में पूर्व उप राष्ट्रपति माइक पेंस, फ्लोरिडा गवर्नर डीसेन्टिस से चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान माइक पेंस उप राष्ट्रपति थे। जबकि डीसेन्टिस, ट्रंप के गृहराज्य फ्लोरिडा के गवर्नर हैं। अब यही ट्रंप के लिए चुनौती बने हुए हैं।
जानिए रिपब्लिक पार्टी में कौन-कौन अन्य रिपब्लिकन दावेदार हैं:
- माइक पोम्पियोः पूर्व विदेश मंत्री गवर्नर डीसेन्टिस के पाले के नेता।
- टेड क्रूज टेक्सस सीनेटर, कैपिटल हिंसा के बाद ट्रंप के आलोचक।
- निक्की हेली: भारतवंशी, कैरोलीना गवर्नर रहीं, नरमपंथी खेमे से हैं। लिज चेनी कैपिटल हिंसा के केस में ट्रंप को समन जारी करने वालीं।
- ग्रेग एबॉट टेक्सस के गवर्नर, पार्टी के कट्टरपंथी खेमे से हैं।