Temples Of India : देश के इन मंदिरों में नहीं जा सकते पुरुष, ये है इसकी बड़ी वजह
भारत को मंदिरों की भूमि के रूप में जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते है देश में कई ऐसे मंदिर है जहां पुरुषों को जाना वर्जित है।

Temples Of India : भारत को मंदिरों की भूमि के रूप में जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते है देश में कई ऐसे मंदिर है जहां पुरुषों को जाना वर्जित है। बता दें कई मंदिरों में तो वर्ष के कई दिन सिर्फ महिलाओं को ही पूजा-अर्चना करने की अनुमति है। चलिए आइए विस्तार से जानते है इन धार्मिक स्थलों के बारे में जहां पुरुषों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है।
ब्रह्मा मंदिर, राजस्थान:
भगवान ब्रह्मा का यह मंदिर राजस्थान के पुष्कर में स्थित है। इसे 14वीं शताब्दी में बनाया गया था। देवी सरस्वती के श्राप के चलते इस मंदिर में शादीशुदा पुरुष को प्रवेश पर रोक लगाई गई है। वे मंदिर के आंगन से ही हाथ जोड़ लेते हैं और केवल महिलाएं ही मंदिर के जाकर पूजा करती हैं।
माता मंदिर, मुजफ्फरनगर:
असम में कामाख्या मंदिर की तरह एक शक्ति स्थल, पुरुषों को उस समय मंदिर परिसर में प्रवेश करने से रोकता है जब माना जाता है कि देवी को मासिक धर्म हो रहे हैं। इस दौरान मंदिर प्रबंधन भी केवल महिलाओं को ही परिसर में प्रवेश की अनुमति देता है।
बता दें इस मंदिर में लगाए गए नियमों को अधिक सख्ती से पालन किया जाता है। जिसमें शुभ मुहूर्त के दौरान एक पुरुष पुजारी को भी मंदिर परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है, और वहां केवल 'महिलाएं' ही जाती है।
अट्टुकल भगवंती मंदिर, केरल:
केरल के अट्टुकल भगवंती मंदिर में एक त्योहार का आयोजन किया जात है, जिसकी जिम्मेदारी सिर्फ महिलाओं के हाथ में ही होती है। इसके प्रमुख त्योहार अट्टुकल पोंगल में हर तरफ सिर्फ महिला श्रद्धालुओं की ही भीड़ दिखाई देती है।
देवी कन्याकुमारी, कन्याकुमारी:
भारत के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित यह मंदिर सख्ती से नियमों का पालन किया जाता है। किसी भी समय इसके परिसर में पुरुषों की अनुमति नहीं है। यहां केवल सन्यासियों (ब्रह्मचारी पुरुषों) को गेट तक जाने की अनुमति है, जबकि विवाहित पुरुषों को परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।
देवी भगवती के साथ मंदिर के शासन देवता के रूप में, यह 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। पुराणों के अनुसार, सती की लाश का दाहिना कंधा और रीढ़ का भाग इस स्थान पर गिरा था, जो कन्या कुमारी मंदिर के अंदर स्थित है। एक अन्य किंवदंती कहती है कि देवी पार्वती को उनकी शादी के दिन इस स्थान पर भगवान शिव द्वारा कथित तौर पर अपमानजनक व्यवहार किया गया था, और पुरुषों का प्रवेश आज तक यहां प्रतिबंधित है।
कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी:
मता के सभी शक्तिपीठों में कामाख्या शक्तिपीठ का स्थान सबसे ऊपर है। माता के माहवारी के दिनों में यहां उत्सव मनाया जाता है। इस दौरान मंदिर में पुरुषों की एंट्री पर पूरी तरह रोक लगाई गई है। यहां तक की इस दौरान पुजारी का काम भी एक महिला ही करती है।