क्या तालिबान सरकार को मान्यता देगा यूएई? मुल्ला मोहम्मद यूएई राष्ट्रपति से मिले
अफगानिस्तान रक्षा मंत्रालय ने काबुल में एक बयान जारी कर कहा है कि, दोनों नेताओं ने रविवार को हुई बैठक में संबंधों को मजबूत करने और द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।

अबू धाबी में हुई मुलाकात, तालिबान सरकार को मान्यता देने की अटकलें हुई तेज
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की सरकार, अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता दे सकती है। अबू धाबी में तालिबान के कार्यवाहक रक्षा मंत्री मुल्ला मोहम्मद याकूब ने यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान से मुलाकात की है। इसी मुलाकात के बाद से ही ये अटकलें लगाईं जा रही हैं।
तालिबान के कार्यवाहक रक्षा मंत्री तालिबान के दिवंगत सर्वोच्च नेता मुल्ला उमर का बेटा है। अफगानिस्तान रक्षा मंत्रालय ने काबुल में एक बयान जारी कर कहा है कि, दोनों नेताओं ने रविवार को हुई बैठक में संबंधों को मजबूत करने और द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।
पिछले साल, जब से अमेरिकी फौजें अफगानिस्तान से वापिस चली गई थीं, तभी से देश में तालिबान राज हो गया है। फ़िलहाल तालिबान सरकार को किसी भी देश की सरकार से आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं मिली है।
मुल्ला मोहम्मद याकूब और शेख मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान की मुलाकात अबू धाबी के अल शेती महल में हुई। UAE की सरकारी एजेंसी WAM ने बताया की ये बैठक रविवार को हुई थी।
सोमवार को अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि, यूएई के राष्ट्रपति व मुल्ला याकूब ने संबंधों को मजबूत करने, संयुक्त अरब अमीरात और अफगानिस्तान के बीच द्विपक्षीय सहयोग और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। फिलहाल तालिबान को मान्यता देने के ऊपर UAE सरकार ने अभी तक कुछ कहा नहीं है।
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को सत्ता में आए एक साल से ऊपर हो चूका है। पाकिस्तान, रूस, चीन समेत कई देशों ने उससे व्यापारिक रिश्ते बनाना शुरू कर दिए हैं। लेकिन ये देश भी आधिकारिक तौर पर तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। भारत मानवीय आधार पर अफगानी लोगों को मदद भेज रहा है।
अमेरिकी फौज के जाने के बाद से ही अफगानिस्तान में तालिबान सरकार है। इसके बाद से देश में पूरी तरह से तालिबान हुकूमत है, इस्लामनी शासन लौट आया है। तालिबान ने महिला अधिकारों और मानवधिकारों का आश्वासन दिया था, लेकिन अफगानिस्तान में ऐसी ख़बरें सामने आ रही हैं जिसमें महिलाओं और उनके मानवाधिकारों का हनन हो रहा है।
अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद से ही आतंकी संगठन भी सक्रिय हो गए हैं। एक साल के अंदर यहां पर कई आतंकी घटनाएं हुई हैं। इन घटनों में कई लोगों की मौत भी हो चुकी हैं।